मोटी मुनिया
थोड़ा खाती है खूब सोती है
मेरी लाड़ली माँ
रोज थोड़ी सी बूढी होती है
गुड़ चुराती है, मीठा खूब खाती है
कसम दो तो सब सच सच बताती है
मेरी लाड़ली माँ .......
पूजा रखवाती है, मुझसे दान करवाती है
हर बला हर वबा से मुझको बचाती है
मेरी लाड़ली माँ ......
खूब लड़ती है, अपनी हर जिद पूरी करती है
मुझे फिर से बचपन जिलाती है
मेरी लाड़ली माँ ......
रुक रुक के चलती है, सांस चढ़ जाती है
फिर भी पूरे घर में हुकुम चलाती है
मेरी लाड़ली माँ .....
थक जाती है , फिर भी "राजमा" वो ही बनाती है
मुझे डांट डांट के दो रोटी ज्यादा खिलाती है
मेरी लाड़ली माँ .....
उसे अदरक की चाय बोहोत भाती है
सबको रोक रोक के पिलाती है
मेरी लाड़ली माँ .......
डॉक्टर के नाम से डर जाती है, बहाने बनाती है
कभी कभी तो डॉक्टर पे ही चढ़ जाती है
मेरी लाड़ली माँ .......
मेरे हाथ से बनी रोटी उसे बोहोत भाती है
फ़ोन कर के सबसे बताती है
मेरी लाड़ली माँ .....
मोटी मुनिया
अकेले में रोती है, मेरे लिए डर जाती है
जब किसी बुजुर्ग के मरने की खबर आती है
मेरी लाड़ली माँ ......
डर तो मुझे भी है, एक दिन जाएगी वो
मुझे फिर से अकेला कर जाएगी वो
पर जीता हूँ उसे रोज सीने से लगाकर
उसे छेड़ता हूँ मोटी मुन्नी बुलाकर
रोता मैं भी हूँ उससे छुपाकर
मेरी लाड़ली माँ रोज थोड़ी बूढी होती है !
Author Pawan saxena
13-Feb-2021 09:03 PM
wawwww. .. Man ko chu liya apke es post ne sir .
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Nisha
13-Feb-2021 07:58 PM
Bohut achcha , Rahul saab .
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kapil sharma
13-Feb-2021 11:07 AM
👍👍👍
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